गझल
इतना बोझ ना ढो पाऊंगा
हटा दो या रब, या तो मोहब्बत
या फिर मौत का साया -
जों मंडरा रहा हैं मेरे ईर्द गिर्द
हटा दो या रब, या तो मोहब्बत
या फिर मौत का साया -
जों मंडरा रहा हैं मेरे ईर्द गिर्द
-बाबा शिर्के.
र्पुथ्वीतलावरील माझे विचार आणि श्रद्धा.
Some thoughts and beliefs of my life on planet Earth.
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